रायगढ़- औद्योगिक नगरी रायगढ़ में उद्योगपतियों और सरकारी अधिकारियों की साठगांठ कोई नई बात नहीं है। बाहर से आये अधिकारी और उद्योगपति जिले की जल जंगल पर खुलेआम कब्जा कर उसे बर्बाद कर रहे हैं।
इसकी बानगी रायगढ़ एनर्जी जनरेशन लिमिटेड पावर प्लांट ( पहले कोरबा वेस्ट प्लांट) में देखने को मिलता है। इस कम्पनी ने बड़े भंडार, छोटे भंडार और सरवानी गांव की सड़क और निस्तार की लगभग 2.882 हेक्टेयर जमीन पर बेजा कब्जा कर लिया है। जिसका मूल्य 64 लाख 87 हजार 902 रुपये है। कम्पनी ने इस काबिज जमीन पर अवैध तरीके से निर्माण कार्य करवाकर इसे प्लांट के बाउंड्री के भीतर कर लिया है। मजे की बात है कि अधिकारी सब जानते हुए भी खामोश हैं।
वर्ष 2012 में प्लांट द्वारा कब्जा किये गए इन जमीनों की जांच भी की गई थी और अवैध कब्जा होना पाया गया था। जिसके बाद कलेक्टर और उद्योग संचालनालय रायपुर ने जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र रायगढ़ को उक्त जमीन अपने अधिपत्य में लेने आदेश किया था। लेकिन 10 वर्ष से ज्यादा बीतने के बाद भी उक्त शासकीय जमीन पर रायगढ़ एनर्जी जनरेशन लिमिटेड पावर प्लांट का कब्जा बरकरार है। अधिकारियों के इस रवैये से ग्रामीणों में खासा आक्रोश है। ग्रामीणों का आरोप है कि तत्कालीन अधिकारियों ने प्लांट प्रबंधन से सांठगांठ कर कोई कार्रवाई नहीं की।
इन गांवों की जमीन पर कब्जा
बड़े भंडार 0.045 हेक्टेयर
छोटे भंडार 0.227 हेक्टेयर
सरवानी 2.610 हेक्टेयर
कुल- 2.882 हेक्टेयर
मूल्य- 64, 87,902 रु.