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एडिशनल एसपी, दो डीएसपी समेत पुलिस के 30 जवानों ने 72 घंटे में ढूंढ निकाला कातिल को, पैसो के लालच में हत्यारा बना आरोपी  

रायगढ़। रायगढ़ जिला मुख्यालय में 25-26 सितंबर की दरम्यानी रात ब्याज में रकम देने वाले बुजुर्ग की हत्या करने के मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने पैसे चुराने के लिये हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया था।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार 26 सितंबर की सुबह जूटमिल थाना प्रभारी निरीक्षक मोहन भारद्वाज को सूचना मिली कि बाजीराव पारा गंधरी पुलिया के पास रहने वाले रमेश तिवारी उर्फ बब्बू महाराज 62 वर्ष की उसके घर पर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा हत्या कर दी गई है। घटना की सूचना पर पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के साथ एडिशनल एसपी, हेडक्वार्टर डीएसपी तथा साइबर सेल डीएसपी, साइबर सेल की टीम भी मौके पर पहुंची। मौके पर फोरेंसिक एक्सपर्ट, फिंगर प्रिंट्स की टीम और डॉग स्क्वाड द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण कराया गया।
सुबह पहले बाई पहुंची घर
26 सितंबर की सुबह मृतक के घर काम करने वाली बाई श्रीमती साधमती यादव 60 वर्ष ने बताया कि रोजाना की तरह सुबह 8 बजे बब्बू महाराज के घर काम करने पहुंची तो सामने आंगन का गेट भीतर से बंद था, तब पड़ोसियों की मदद से घर में प्रवेश करने पर पता चला बब्बू महाराज की हत्या हो चुकी है।
सभी कमरो की ली गई तलाशी
पुलिस टीम ने घर के सभी कमरों की बारीकी से तलाशी ली गई, जिसमें घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर और मॉडेम गायब मिला, आरोपी द्वारा साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य से निकाल ले गया था। शव का पोस्टमार्टम कराकर शॉर्ट पीएम रिपोर्ट प्राप्त कर थाना जूटमिल में अज्ञात आरोपी पर हत्या और साक्ष्य छिपाये जाने की धारा धारा 103(1), 238 बीएनएस का अपराध दर्ज किया गया।
अलग-अलग टीमों का किया था गठन
एसपी दिव्यांग कुमार पटेल ने एडिशनल एसपी आकाश मरकाम के नेतृत्व में हेडक्वार्टर डीएसपी अखिलेश कौशिक, साइबर डीएसपी अभिनव उपाध्याय, थाना प्रभारी जूटमिल के साथ साइबर सेल, थाना जूटमिल और दीगर थाना स्टाफ की अलग-अलग टीम बनाई गई, सभी को अलग-अलग कार्यों में लगाया गया।
आसपास के सीसीटीवी फुटेज की हुई जांच
पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन पर घटनास्थल सुरक्षित रखकर सिलसिलेवार तरीके से संदेहियों से पूछताछ, घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच कर सभी एंगल पर हत्याकांड की जांच की जा रही थी। घटनास्थल से गायब डीवीआर की तलाश के लिए पुलिस टीम मृतक के घर के पीछे रेलवे ट्रैक के दोनों ओर काफी खोजबीन किया गया तथा नाला और आसपास सफाईकर्मियों की मदद से डीवीआर की खोजबीन जारी रखे हुए थी।
शाम से ही घर में घुस चुका था आरोपी
आरोपी ने बताया कि उसे जानकारी थी कि बब्बू महाराज लोगों को रूपए उधार में देता था इसलिये बब्बू महाराज के पास काफी रूपए होने के अंदेशा हुआ और इनसे रूपए चुराने का योजना बनाकर घटना 25 सितंबर के शाम करीब 7ः30 बजे बब्बू महाराज के घर के पीछे के दरवाजे को तोड़कर घुसा और घर के आखरी वाले कमरे के नीचे पलंग में जाकर छिप गया था।
मृतक के सिर पर किया वार
बब्बू महाराज रात करीब 9 बजे आए खाना बनाये और खाकर लेटा हुआ था, रात्रि करीब 11ः45 बजे मौका देखकर आरोपी दीपक यादव ने ड्रेसिंग टेबल के दराज (प्लाई लकड़ी का) निकाल कर सोए अवस्था में बब्बू महाराज के सिर पर वार किया जिससे बब्बू महाराज जग गया और दोनों के बीच काफी संघर्ष हुआ।
10 हजार 500 की चोरी
आरोपी दीपक यादव ने कुर्सी से बब्बू महराज पर वार कर गमछा से फंदा बनाकर गला में खींचकर हत्या कर दिया और फिर तकिया के नीचे रखे चाबी से अलमारी को खोलकर अलमारी में रखे 10,500 चोरी किया, मकान से जाते समय कमरे से डीवीआर वायर को कटर से कटकर डीवीआर और मॉडेम को लेकर चला गया था।
रेल पटरी किनारे मिला सामान
पुलिस ने आरोपी के निशानदेही में डीवीआर, मॉडेम मृतक के घर के पीछे रेल पटरी के किनारे से थैली समेत जप्ती की गई है तथा आरोपी से चुराई 10,500 और घटना में प्रयुक्त गमछा, घटना समय पहने कपड़े बरामद किए गए हैं।
इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका
एसपी दिव्यांग कुमार पटेल के दिशा निर्देशन कुशल मार्गदर्शन पर इस जटिल और चुनौतीपूर्ण हत्याकांड का सफलतापूर्वक समाधान करने में पुलिस की टीम ने अत्यंत सराहनीय कार्य किया है। ब्लाइंड मर्डर के खुलासे में एडिशनल एसपी आकाश मरकाम, डीएसपी अखिलेश कौशिक, डीएसपी अभिनव उपाध्याय, निरीक्षक मोहन भारद्वाज, उप निरीक्षक गिरधारी साव, प्रधान आरक्षक सतीश पाठक, कृष्ण कुमार गुप्ता, रामनाथ बनर्जी, खीरेंद्र जलतारे, दिलदार कुरैशी, शिव वर्मा, आरक्षक विकास सिंह, तरुण महिलाने, सुशील यादव, जितेश्वर चैहान, नरेश रजत, लखेश्वर पुरसेठ, शशि भूषण साहू, बंसी रात्रे तथा साइबर सेल के प्रधान आरक्षक दुर्गेश सिंह, बृजलाल गुर्जर,रेणु मंडावी सिंह, आरक्षक धनंजय कश्यप, रविंद्र गुप्ता, प्रशांत पंडा, महेश पंडा, पुष्पेंद्र जटवार, जगमोहन ओग्रे, विकास प्रधान, विक्रम सिंह, नवीन शुक्ला, प्रताप बेहरा, परमानंद पटेल, सुदर्शन पांडे (छसबल), महिला आरक्षक मेनका चैहान और धनुर्जय चंद बेहरा (पुसौर), उत्तम सारथी (कोतवाली), अखिलेश कुशवाहा (कोतरारोड़) सहित थाना जूटमिल, साइबर सेल के अन्य पुलिसकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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