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रामलीला मंचन का इतिहास गढ़ रहा रायगढ़ का सार्वजनिक रामलीला समिति, 58 वर्षो से लगातार जगा रहे रामधुन की अलाख

रायगढ़। शहर के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में क्वांर नवरात्रि के दौरान सार्वजनिक रामलीला समिति के द्वारा 58 वर्षो से रामलीला का मंचन होता आ रहा है। यह समिति देश के ऐसी पहली सार्वजनिक समिति है जो पिछले पांच दशकों से अनवरत रामलीला का मंचन करते आ रहा है। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष वर्ष भी दस दिवसीय रामलीला का मंचन हो रहा है जिसके पिछले दो दिनों में शिव पार्वती संवाद, नारद मोह, रावण वैभव, राजा दशरथ द्वारा पुत्रेष्ठी यज्ञ, रामजन्म, ताडका वध, मारीच- सुबाहू वध, आहिल्या उद्धार व पुष्प वाटिका भ्रमण का सफलता पूर्वक मंचन किया गया।
शहर का रामलीला मैदान रायगढ़ सार्वजनिक रामलीला समिति के द्वारा पिछले 58 वर्षो से अनवरत रामलीला मंचन का साक्षी बन चुका है। समिति के द्वारा प्रतिवर्ष शारदेय नवरात्र के दौरान यहां पर समिति के द्वारा रामलीला का पूरे श्रद्धा व उत्साह के साथ मंचन किया जाता है। जिसमें दर्जनों युवा और वयोवृद्ध कलाकार शामिल होते हैं। इस वर्ष 58वें वर्ष के रूप में रामलीला का मंचन करने के बाद यह समिति पूरे देश में पहली ऐसी समिति बन गई है जो इतने वर्षो तक लगातार सार्वजनिक रूप से रामलीला का मंचन करते आ रही है। समिति के द्वारा प्रतिवर्ष रामलीला के मंचन से पूर्व करीब पखवाड़े भर से कलाकारों का रिहर्सल, मंच सज्जा, वेशभूषा का चयन और पाश्र्व छायाचित्र के लिये समिति के पदाधिकारी व सदस्य जद्दोजहद करते हैं और रामलीला के मंचन को मूर्त रूप मिलता है।
पिछले कई दशकों से रामलीला मंचन की धुरी रहे समिति के अध्यक्ष दीपक पाण्डेय, सुरज उपाध्याय, संजीव दुबे (बाबू), महेश यादव, नीरज यादव, श्लोक पाण्डेय, तुषार चर्तुेवदी, गौरव ठाकुर, शरद पाण्डेय, गजेन्द्र ठाकुर, अंबिका, शंकर अग्रवाल, राजेश शुक्ला रामलीला के मंचन को सफल बनाने के लिये मन प्राण से जुटे रहते हैं। वर्तमान में चल रहे रामलीला मंचन में व्यास गद्दी पर हारमोनियम में शेषचरण तिवारी, आर्गन में विकास तिवारी और तबला में सन्नी साव शिरकत कर रहे हैं और कार्यक्रम को चारचांद लगाने में उनकी अहम भूमिका है। इसी तरह समिति के युवा सदस्यों में गौरव मिश्रा, राजेन्द्र निषाद, रवि शंकर दुबे, रवि दीक्षित, रमेश पाणी, रामकुमार देवांगन, साकेत पाण्डेय मंचन से बाहर के काम काज निपटाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
समिति के अध्यक्ष श्री पाण्डेय ने कलाकारों के मंचन में अपनी कला से लोगों को रिझाने वाले कलाकारों में शुभम मिश्रा- राम, आशीष मिश्रा-लक्ष्मण, राकेश दुबे-रावण, अतुल दुबे-परशुराम, दक्ष यादव- बाणासुर, अंकित मिश्रा-विश्वामित्र, दिनेश यादव-दशरथ, सतीश ठाकुर-जनक, घनिष्ठा दुबे-सीता की अहम भूमिका में अपना रोल अदा कर रहे हैं। अध्यक्ष श्री पाण्डेय ने बताया कि रायगढ़ सार्वजनिक रामलीला समिति के द्वारा इस वर्ष 58वीं बार रामलीला का मंचन किया जा रहा है। जिसमें पिछले दो दिनों में 03 अक्टूबर को पहले दिन शिव पार्वती संवाद, नारद मोद, रावण वैभव का मंचन, 04 अक्टूबर को राजा दशरथ द्वारा पुत्र कामेष्ठी यज्ञ, श्रीराम जन्म, ताडका वध, मारिच – सुबाहू वध, आहित्या उद्धार व पुष्प वाटिका भ्रमण का सफलता पूर्वक मंचन किया गया। जिसे देखने के लिये बड़ी संख्या में शहरवासी रामलीला मैदान में जुट रहे हैं। दर्शकों तथा श्रोताओं के लिये बैठक व्यवस्था के रूप में कुर्सियों की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने बताया कि 05 अक्टूबर को धनुष यज्ञ, लक्ष्मण -परशुराम संवाद तथा बाणासुर रावण संवाद का मंचन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि षष्ठी से लेकर विजयादशमी के दिन तक यहां मंचन देखने वालों की भारी भीड जुटती है। जो रामलीला में मंचन करने वाले कलाकारों के लिये प्रेरणा का काम करती है। इस रामलीला मंचन को शहरवासियों का लगातार बेहतर प्रतिसाद मिलता रहा है और वे आशा करते हैं कि यह आशीर्वाद लगातार बना रहेगा।
बस्तर दशहरा की तर्ज पर हमें भी मिले सरकारी अनुदान- दीपक
सार्वजनिक रामलीला समिति के अध्यक्ष दीपक पाण्डेय ने हमारे संवाददाता से चर्चा करते हुए इस तरह अपनी व्यथा साझा की कि पिछले कई वर्षो से छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा बस्तर के सुप्रसिद्ध दशहरा उत्सव को संरक्षण व संवर्धन के लिये अनुदान दिया जाता है किंतु यह समिति पिछले 6 दशकों से यहां लगातार रामलीला का मंचन करते आ रही है इसके बावजूद उन्हें शासन की तरफ से अनुदान के रूप में कोई विशेष सहयोग नही मिल पाता। उन्होंने बस्तर दशहरा की तर्ज पर रायगढ़ की रामलीला मंचन को भी सरकारी स्तर पर अनुदान दिये जाने की मांग उठाई।

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