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पुसौर पंचायत में भ्रष्टाचार चरम पर, सरपंच के बेटे के नाम पर कर रहे फर्जी आहरण!

रायगढ़। पंचायती राज एक अहम व्यवस्था है। पंचायतों से ही गांवों के विकास की रूपरेखा तैयार होती है। गावों में विकास कार्य करवाने में पंचायतें ही अहम भागीदारी निभाती हैं। यह सही है कि पंचायतों की ओर से करवाए जा रहे कार्यो से गांव तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन एक ओर जहां विकास कार्य हो रहे हैं। वहीं, प्रतिनिधियों की ओर से कई प्रकार के घोटाले भी समय-समय पर उजागर होते रहते हैं। ऐसे में पंचायतों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजिमी हैं?
जनपद पंचायत पुसौर के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत पुसल्दा मे सरपंच श्रीमति राजकुमारी पटेल व सचिव घनश्याम निषाद के द्वारा शासकीय कार्यों के 14 वे वित्त व 15 वे वित्त की राशि का सरपंच अपने पति व बेटे के नाम पर मनमाना आहरण किया गया है यह जानकारी ऑनलाइन रिकॉर्ड से मिली है 14 वे व 15 वे वित्त की राशि सरकार द्वारा सीधे पंचायत के खाते में ग्राम पंचायत की मूलभूत आवश्यकताए पानी बिजली शिक्षा सड़क नाली अन्य कार्यों के राशि दी जाती है दरअसल, यह मामला जनपद पंचायत पुसौर के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत पुसल्दा का है।
ग्राम पंचायत पुसल्दा ग्राम पंचायत पुसल्दा मे सरपंच श्रीमति राजकुमारी पटेल व सचिव घनश्याम निषाद ने अपने पति भागीरथी पटेल और सरपंच पुत्र संजीव पटेल को फर्जी वेंडर बना कर ग्राम पंचायत के 14 वे वित्त व 15 वे वित्त की लगभग 12 लाख 50000 हजार राशि का आहरण कर ग्राम के विकास को अवरूद्ध किया है और सीधे सीधे ग्राम वासियों भरोसे विश्वास के साथ छल किया है मजे की यह है कि जब से ग्राम पंचायत पुसल्दा मे सरपंच पद का पदभार संभाले हैं तब से ही ग्राम के विकास की ओर कम ध्यान देकर अपने विकास को ज्यादा ध्यान दिया। जिसमें सीईओ. के मुख्य संरक्षण मे सरपंच श्रीमति राजकुमारी पटेल व सचिव घनश्याम निषाद के हौसले बुलंद है जिसे जनता ने अपने ग्राम विकास के लिए अपना प्रतिनिधि बनाया उसीने उनके पीठ पर विश्वशघात का खंजर खोप कर लहूलुहान कर अपना विकास किया।
यहा सरपंच श्रीमति राजकुमारी पटेल व सचिव घनश्याम निषाद ने पंचायती राज का खुल कर मजाक किया है और बनाया है और उनके इस भ्रष्टाचार में सरकारी तंत्र के लोगो ने भी खुल कर साथ दिया है उनकी की भी कहानी लंबी है । क्यों आज भी ग्राम पंचायत विकास से कोसों दूर है। यदि ग्राम पंचायत पुसल्दा सरपंच के 14वे वित्त व 15 वे वित्त की जांच कराई जाये तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।

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